नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली परिवहन निगम द्वारा बसों की खरीद में हुए करोड़ों रुपए की घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते हुए इसके लिए जिम्मेदार परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक के इस्तीफे की मांग की है।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक विजेंद्र गुप्ता और प्रदेश महामंत्री हर्ष मल्होत्रा ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में केजरीवाल सरकार द्वारा हर विभाग में बड़े स्तर पर घोटाला करने और करोड़ों रुपए गबन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने भ्रष्टाचार निरोधी विभाग को डीटीसी बसों की खरीद घोटाले की जांच की अनुमति नहीं दे रही है। इन नेताओं ने कहा कि ऐसे में वे इस मामले को केंद्रीय भ्रष्टाचार आयोग के पास ले जाएंगे और चाहेंगे कि सारे मामले की सीबीआई से जांच कराई जाए। प्रेसवार्ता में प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख नवीन कुमार मौजूद रहे।
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली में आज 15000 बसों की जरूरत है लेकिन पिछले 7 सालों में केजरीवाल सरकार ने एक भी बस की खरीद नहीं की। आज जितनी बसें दिल्ली की सड़कों पर चल रही है उनमें से सभी बसें सितंबर तक सड़कों से हटा ली जाएगी क्योंकि उनकी मियाद पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल और उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार इन बसों को फिर से सड़कों पर नहीं उतारा जा सकेगा। इसलिए एक तरफ दिल्ली में बसों की भारी कमी हो जाएगी जबकि नई बसों की खरीद में घोटालों के चलते स्वयं सरकार ही बसों की खरीद पर रोक लगा दी है।
विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि हम बस खरीद में हुये भारी घोटालों का मुद्दा पिछले साल से उठाते आ रहे हैं। विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया गया था और हाल ही में उपराज्यपाल से भी इस घोटाले की जांच कराने की मांग की गई थी। स्वयं परिवहन निगम की जांच में भी इस मामले के बारे में भारी हेर-फेर की बातें कही गई है। उन्होंने परिवहन निगम के भ्रष्टाचार आयुक्त की रिपोर्ट को भी सार्वजनिक करने की मांग की है। श्री गुप्ता ने कहा कि इस मामले में उपराज्यपाल ने 16 जून को इस मामले की जांच के लिए एक समिति बनाने की बात कही है। जबकि दिल्ली सरकार ने इस मामले में 11 जून को ही बसों की खरीद रोकने का फैसला ले लिया है। इसे साफ जाहिर होता है कि परिवहन निगम में बड़े स्तर पर हुए भ्रष्टाचार से घबराकर सरकार ने इस पर रोक लगाई और अब इसके लिए उपराज्यपाल द्वारा गठित समिति का बहाना लिया जा रहा है।
श्री मल्होत्रा ने इस पूरे मामले में बड़े पैमाने पर हुए भ्रष्टाचार को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई करने और बसों की खरीद के लिए होने वाले रखरखाव के सौदे को भी रद्द करने की मांग की है।

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