लखनऊ । देश के सबसे बड़े सूबे उप्र में इन दिनों सियासी माहौल खासा गरमाया हुआ है। राजनीतिक गलियारांे में हो रही हलचलों के बाद जहां तरह-तरह की चर्चाये हो रही हैं वहीं कई अपवाहें भी हवा मंे तैर रही हैं। इस बीच भाजपा के उप्र प्रभारी राधा मोहन सिंह ने राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल से मुलाकात की। हालांकि भाजपा प्रभारी ने अपनी ओर से संगठन और सरकार के नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को विराम देने के लिए कहा कि संगठन और सरकार अच्छी तरह चल रहे हैं। यूपी सरकार और संगठन सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं।
सियासी तापमान में वृद्धि के बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह शनिवार को लखनऊ पहुंचे। रविवार को उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। उसके बाद वह विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से भी मिलने पहुंचे हैं। हालांकि राधा मोहन सिंह ने इस भेंट को शिष्टाचार मुलाकात बताया है। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए राधा मोहन सिंह ने कैबिनेट में बदलाव या विस्तार की अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कुछ लोग अपने दिमाग में खयालों की खेती करें तो क्या किया जा सकता है। संगठन और सरकार अच्छी तरह चल रहे हैं। यूपी सरकार और संगठन सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रीमंडल में जो पद खाली हैं, वे भरे जाएंगे। इन सभी पदों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उचित समय पर निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में हमारी अच्छी जीत हुई है। अब जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव की तैयारी है। राज्यपाल से मुलाकात पर अपनी सफाई में भाजपा उपाध्यक्ष राधा मोहन सिंह ने कहा कि मुझे उत्तर प्रदेश आए छह माह से ज्यादा वक्त हो गया है। इस दौरान मैं किसी वरिष्ठ नेता से नहीं मिल सका था। राज्यपाल मेरी पुरानी परिचित हैं और आज तक मिल नहीं पाया था। आज उसी औपचारिकता के तहत मिलने गया। इसके बाद वह विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से उनके आवास पर मुलाकात की।
विदित हो कि बीते सप्ताह भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने तीन दिन का लखनऊ दौरा किया था। इस दौरान वह संगठन और सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ अलग-अलग मिले थे। इस दौरान मुख्यमंत्री के अलावा दोनों उप मुख्यमंत्रियों डॉ. दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य से चर्चा की थी। जिसके बाद सूबे की सरकार और भाजपा संगठन में बदलाव की चर्चायें आम हो गयीं थीं। लेकिन बीएल संतोष ने ट्वीट कर योगी सरकार के कामकाज की तारीफ की थी और बदलाव की अटकलों को विराम देने की कोशिश की थी। उन्होंने कोरोना से निपटने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सेवा कार्या पर संगठन की पीठ थपथपा कर बदलाव की अटकलों को विराम लगा दिया था।