नृत्य और संगीत इंसानों की खुशियों को अभिव्यक्त करने का बेहतरीन माध्यम हैं। लोक नृत्य हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसकी महारत भारत के सबसे प्रभावशाली राज्यों में से एक राजस्थान ने बखूबी संभाली हुई है। जहाँ एक ओर संस्कृतियाँ विलुप्त होती चली जा रही हैं, राजस्थान बरसों से इसे ज्यों का त्यों अपनी गोद में बनाए रखे हुए है।
राजस्थान के लोक नृत्य न केवल भारत के लोगों को, बल्कि समूचे विश्व को आकर्षित करते हैं। इतना ही नहीं, यहां की हाथ से बनी अद्भुत वस्तुओं का पूरी दुनिया में कोई तोड़ नहीं है। भारत ही नहीं, ये वस्तुएँ विदेशियों के बीच भी लंबे समय से आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
यूनेस्को द्वारा आयोजित सांस्कृतिक विरासत आधारित पर्यटन को मतबूत बनाते हुए फोक सफर यानी स्थानीय खूबसूरती की अद्भुत प्रदर्शनी का जल्द ही आगाज़ किया जाएगा, जो राजस्थान के लिए एक सांस्कृतिक सवारी होने का दावा करता है। हाल ही में स्वदेशी सोशल मीडिया मंच कू ऐप पर अपने आधिकारिक हैंडल के माध्यम से राजस्थान टूरिज़्म ने यह जानकारी देते हुए बताया है:
@UNESCO द्वारा आयोजित भव्य फोक सफर में अद्भुत राजस्थानी लोक प्रदर्शन आपका इंतजार कर रहे हैं। शामिल हों और अनुभव करें!.13 अप्रैल 2022 | 6:30 अपराह्न – 8:30 अपराह्न | मध्यवर्ती, जवाहर कला केंद्र, जयपुर.#Rajasthan #RajasthanTourism
https://www.kooapp.com/koo/my_rajasthan/db10f047-4ca2-4533-8d07-a302e270f1f3
लोक सफर जयपुर, राजस्थान
लोक कला और संस्कृति को समर्पित इस एनजीओ का निर्माण वर्ष 2000 में हुआ था। यह एनजीओ प्रतिवर्ष सुरगान नामक समारोह का आयोजन करता है। इस वर्ष राजस्थान के दानिश और मंगनियार संगीत इस आयोजन का विशेष आकर्षण हैं। इसके साथ ही लंगा संगीत और उसके बाद कालबेलिया नृत्य की विशेष प्रस्तुति होगी। दरी, जूती, मिट्टी के बर्तनों जैसे हस्तशिल्प भी उपलब्ध होंगे। पश्चिमी राजस्थान की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (ICH) को हाइलाइट करना, राजस्थान में ICH आधारित पर्यटन को मजबूत करने का उद्देश्य, कार्यक्रम का विषय है।
समय तथा स्थान: 13 अप्रैल 2022 | 6.30 बजे – 8.30 बजे मध्यवर्ती, जवाहर कला केंद्र, जयपुर
लंगा का आयोजन असिन खान, सत्तर खान और ग्रुप द्वारा किया जाएगा। वहीं, कालबेलिया का आयोजन कालूनाथ कालबेलिया एंड ग्रुप द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही राजस्थान की प्रसिद्ध हाथ से बनी हुई वस्तुएँ, दरी, जूती, पीपली काम और मिट्टी के बर्तन विशेष आकर्षण का केंद्र बनेंगे। इसके साथ ही डेनमार्क और राजस्थान के संगीत सहयोगी की प्रस्तुति सभी का ध्यान आकर्षित करेगी। डेनमार्क के कलाकारों में मारन हॉलबर्ग, जोर्गेन डिकमेइसो के नाम शामिल हैं। वहीं राजस्थान के प्रसिद्द मंगनियार कलाकारों में मंजूर खान, भुंगर खान, दादा खान, जमील खान और इलियास खान के नाम शामिल हैं।
बताते चलें, कार्यक्रम के लिए प्रवेश नि:शुल्क है, जिसमें संस्कृति से प्यार करने वाले सभी लोगों का स्वागत है।