हिसार । जिले के गांव शेखपुरा के बहुचर्चित तिहरे हत्याकांड में दोषी करार दिए गए 8 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। साथ ही एक-एक दोषी को 42000- 42000 रुपये जुर्माना भी लगाया गया। दो दोषियों को इससे अलग 2000 और 5000 जुर्माना अतिरिक्त भरना होगा। फैसला कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच सुनाया गया। फैसले को लेकर पुलिस प्रशासन काफी सतर्क रहा और गांव शेखपुरा में पुलिस की दो अतिरिक्त कंपनियां तैनात रहीं। एसएचओ व चौकी इंचार्ज ने गुरुवार रात को ही गांव में डेरा डाल लिया था।
गौरतलब है कि सरपंची को लेकर गांव में भगवान दास गुट व बलबीर प्रधान गुट में लंबे समय से विवाद चल रहा था। कभी पंचायत चुनाव तो कभी डेरा बाबा राजूनाथ के महंत पर आरोप लगाने को लेकर। दोनों गुटों में लंबी रंजिश चल रही थी। मार्च 2017 में फाग के दिन शेखपुरा में कामरेड रामकुमार कसाना, मुकेश व प्रदीप फौजी की सुभाष गुर्जर व उसके साथियों ने मिलकर गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। हमले में रामकुमार के दो बेटों सहित चार लोग घायल भी हुए।
इसके बाद संजय कसाना की शिकायत पर डीएसपी भगवान दास,सुभाष गुर्जर समेत 26 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इनमें से 23 लोग नामजद थे। वहीं 3 अन्य लोग अज्ञात थे। 15 आरोपियों को जांच के दौरान बाहर निकाल दिया गया। डीएसपी भगवान दास का तबादला पंचकूला में कर दिया गया था। जहां उन्होंने अपने क्वार्टर में सुसाइड नोट लिखकर अपनी ही सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी। 15 दिन बाद उपचार को दौरान दम तोड़ दिया था। इसलिए पंचकूला पुलिस ने भगवान दास के सुसाइड नोट के आधार पर बलबीर प्रधान गुट के 16 लोगों पर मामला दर्ज किया गया। वहीं पहले से चल रहे भगवान दास गुट के मामले में कोर्ट ने 3 मार्च 2021 को 8 लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दिया। 2 आरोपियों अशोक उर्फ काला और सुरेश को बरी कर दिया गया था। दोषियों में सुभाष, संदीप, अशोक, अजीत, उमेद, दलेल, रामफल और कृष्ण शामिल हैं। इनमें से दो दोषियों सुभाष को 2000 रुपये और संदीप को 5000 रुपये अतिरिक्त जुर्माना लगाया गया है।