अहमदाबाद | मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कोर कमेटी की बैठक ने राज्य के सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों के विशाल हित में महत्वपूर्ण निर्णय किया है। मुख्यमंत्री ने विश्वव्यापी महामारी कोरोना संक्रमण के वर्तमान हालात में राज्य के युवा छात्रों को सुरक्षित रखने के स्वास्थ्य रक्षा भाव के साथ यह निर्णय किया है कि राज्य के सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों-कॉलेजों में मेडिकल और पैरामेडिकल को छोड़कर स्नातक स्तर के अन्य सभी पाठ्यक्रमों के लिए इंडरमीडिएट सेमेस्टर के छात्रों को मेरिट आधारित प्रोग्रेशन दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ास्मा ने मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कोर कमेटी के इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष कोविड-19 कोरोना संक्रमण की व्यापक परिस्थिति में प्रभावित हुए स्कूल-कॉलेजों के शैक्षणिक कार्यों के मद्देनजर यह मेरिट बेस प्रोग्रेशन केवल इस वर्ष के लिए देने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से मेरिट बेस प्रोग्रेशन देने के इस निर्णय का लाभ सरकारी और निजी विश्वविद्यालय तथा कॉलेजों के मेडिकल और पैरामेडिकल के सिवाय अन्य पाठ्यक्रमों के इंटरमीडिएट सेमेस्टर 2, 4 और जहां सेमेस्टर 6 भी इंटरमीडिएट हो, उन सभी छात्रों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे छात्रों की कुल संख्या लगभग 9.50 लाख है। शिक्षा मंत्री ने इंटरमीडिएट सेमेस्टर के छात्रों को दिए जाने वाले मेरिट आधारित प्रोग्रेशन की पद्धति के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि इसके अंतर्गत अंकों की गणना के लिए 50 फीसदी ग्रेडिंग अंक आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर और शेष ५० फीसदी अंक पिछले सेमेस्टर में प्रदर्शन के आधार पर दिए जाएंगे। चूड़ास्मा ने कहा कि यदि विश्वविद्यालय या कॉलेजों ने प्रायोगिक परीक्षा नहीं ली होगी, तो ऐसी स्थित में 50 फीसदी अंक आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर और शेष 50 फीसदी अंक पिछले सेमेस्टर के आधार पर दिए जाएंगे। वहीं, जिन मामलों में प्रायोगिक परीक्षाएं ली गई होंगी, उन मामलों में परीक्षा में प्राप्त वास्तविक अंकों को ध्यान में लिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में अभी 18 से 44 आयु समूह के लोगों का कोरोना वैक्सीनेशन का काम चल रहा है। ऐसे युवा छात्रों में से ज्यादातर को वैक्सीन लगवानी बाकी है। ऐसे में पूरे छात्र जगत के विशाल स्वास्थ्य हित में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने यह अहम निर्णय किया है।