नई दिल्ली । एक संसदीय पैनल ने देश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में “बेहद कम” दोषसिद्धि दर पर निराशा व्यक्त की है और सुझाव दिया है कि सरकार वार्षिक आधार पर आपराधिक मामलों की जांच में देरी के कारणों के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए तंत्र तैयार करे।
राज्यसभा को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है, “समिति महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में बेहद कम दोषसिद्धि दर को नोट करने के लिए विवश है, जो अपनाए गए उपायों और उनके कार्यान्वयन के बीच एक गंभीर असंतुलन को भी दर्शाता है।”
गृह मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने सिफारिश की है कि गृह मंत्रालय को विश्लेषणात्मक उपकरण आईटीएसएसओ के कड़े कार्यान्वयन के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देशित करना चाहिए।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली समिति ने निर्भया फंड को अन्य योजनाओं और परियोजनाओं की ओर लगातार मोड़ने पर भी निराशा व्यक्त की। समिति ने फंड के डायवर्जन को बहुत गंभीरता से लिया और दृढ़ता से सिफारिश की कि मंत्रालय निर्भया फंड से अन्य योजनाओं के लिए फंड मंजूर करने से परहेज करे और फंड के मूल उद्देश्य का पालन करे।
निर्भया फंड की स्थापना 2013 में यूपीए सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए की गई थी, जिसकी स्थापन दिसंबर 2012 में निर्भया के नाम से जानी जाने वाली 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा के साथ दिल्ली में चलती बस में दरिंदगी के बाद हुई थी।