समुद्धि सिल्वर और वी नवीनचंद्र ज्वैलर्स द्वारा भगवान श्री रामजी का मंदिर 5 किलो शुद्ध चांदी से बनाया गया

सूरत. समुद्धि सिल्वर और वी नवीनचंद्र हीराचंदजी मलजी ज्वैलर्स ने सूरत के लोगों को अयोध्या में निर्माणाधीन श्री राम मंदिर की एक चांदी की प्रतिकृति भेंट की है। अमीश मलजी एवं हृदयमलजी ने कहा कि अयोध्या में श्री राम मंदिर का लोकार्पण 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा रहा है. यह अवसर हम सभी के लिए ऐतिहासिक एवं गौरवपूर्ण दिन है। इसलिए हमें लगा कि इस मौके पर कुछ नया किया जाना चाहिए.’ इसलिए हमने सोचा कि हमारी समुद्धि चांदी का शोरूम है और इससे प्रेरणा लेते हुए चांदी से भगवान राम का मंदिर बनाने का फैसला किया। आज आप सभी के सामने 5 किलो चांदी का श्री राम मंदिर प्रस्तुत है। इस मंदिर को बनाने में खासतौर पर दक्षिण भारत के कारीगरों की मदद ली गई थी। दो महीने की कड़ी मेहनत के बाद ये अद्भुत कलाकृति तैयार हुई है. अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की तरह यह मंदिर भी चांदी से बना है।

पहले हम अपने शोरूम में कई जैन मूर्तियाँ बनाते थे। हमारे शो रूम में 24 तीर्थंकरों की मूर्तियाँ और चांदी से निर्मित भगवान पार्श्वनाथ शंखेश्वर का मंदिर है। हमारे पास कारीगर थे लेकिन हम सोच रहे थे कि राम मंदिर में क्या बनाया जा सकता है। अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर की तस्वीर मंगवाकर कारीगरों को दिखाई गई। उन्हीं कारीगरों से चांदी में श्रीराम मंदिर की छोटे आकार की प्रतिकृति डिजाइन कराने का निर्णय लिया गया। यह प्रतिकृति हमारे शोरूम में अब तक के सबसे बड़े आकार में लगभग 5 किलोग्राम वजन वाली शुद्ध चांदी से बनी है।

अमीश मलजी एवं हृदय मालजी ने बताया कि दो माह की कड़ी मेहनत के बाद यह अद्भुत प्रतिकृति तैयार हुई है. सबसे पहले कारीगरों के लिए डिजाइनिंग बहुत जरूरी थी. मंदिर को छोटे आकार में चांदी से बनाने के लिए छोटी-छोटी बारीकियों पर पूरा ध्यान देना पड़ा। उदाहरण के लिए, रामलला की मूर्ति, गर्भगृह, खंभे, गुंबद, सीढ़ियाँ और मंदिर के बाहरी डिज़ाइन के 3डी डिज़ाइन लिए गए और मापे गए। डिजाइन तैयार होने के बाद कारीगरों के साथ समन्वय कर हूबहू प्रतिकृति बनाई जा सकेगी। चांदी से बने इस मंदिर में बहुत ही कम काम किया गया है। इस प्रतिकृति का निरीक्षण करने के बाद ही आपको पता चलेगा कि कारीगरों ने इस प्रतिकृति में कितनी बारीकी से काम किया है।

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