नई दिल्ली । राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक साल पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश के भविष्य के लिहाज से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘बीते एक वर्ष में सभी महानुभावों, शिक्षकों, नीतिकारों ने इसे धरातल पर उतारने में बहुत मेहनत की है।ये महत्वपूर्ण अवसर ऐसे समय में आया है, जब देश आजादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का इंप्लीमेंटेशन आजादी के अमृत महोत्सव का प्रमुख हिस्सा बन गया है।’ उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है, उनके हौसलों के साथ है। जिस आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस के प्रोग्राम को अभी लॉन्च किया गया है, वो भी हमारे युवाओं को फ्यूचर ओरिएंटेड’ बनाएगा, इस मौके पर उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक साल पूरा होने पर सभी देशवासियों, विशेषकर विद्यार्थियों को शुभकामनाएं प्रेषित कीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य में हम कितना आगे जाएंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में यानी आज कैसी शिक्षा दे रहे है, कैसी दिशा दे रहे हैं। 21वीं सदी का युवा अपनी व्यवस्थाएं, अपनी दुनिया खुद अपने हिसाब से बनाना चाहता है। इसलिए, उसे ‘एक्सपोजर’ चाहिए, उसे पुराने बंधनों, पिंजरों से मुक्ति चाहिए।’
उन्होंने कहा ‘इस युवा पीढ़ी को जब इनके सपनों के अनुरूप वातावरण मिलेगा, तो इनकी शक्ति कितनी ज्यादा बढ़ जाएगी। इसलिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके और उनके हौंसलों के साथ है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हर तरह के दबाव से मुक्त रखा गया है। जो खुलापन नीति के स्तर पर है, वही खुलापन छात्रों को मिल रहे विकल्पों में भी है। अब छात्र कितना पढ़ें, कितने समय तक पढ़ें, ये सिर्फ संस्थाएं तय नहीं करेंगी, इसमें छात्रों की भी सहभागिता होगी।’