क्राइम ब्रांच द्वारा लगभग 9 करोड़ की चीटिंग का पर्दाफाश

सूरत भूमि, सूरत। सूरत शहर की डीसीबी पुलिस स्टेशन गु.र.नं. पार्ट A- 11210015210008/2021 ई.पी.को. कलम 406, 420, 465, 467, 468, 471, 120(बी) के गुनाह में शामली आरोपी ईर्शाद पठान तथा दूसरे 19 आरोपियों द्वारा एक दूसरे की मदद कर रहे थे। अगस्त 2016 से अक्टूबर 2019 तक यस बैंक सहारा दरवाजा से जो वाहन अशोक लेलैंड कंपनी तथा टाटा कंपनी की उत्पादन किया ही नहीं गया था ऐसे वाहनों को तैयार करके उसके नकली कागजात बनाकर के बैंक में जमा किया गया था। कुल 53 वाहन उपस्थित करके और उसके नकली कागजात तैयार करके लोन के लिए बैंक में किया गया था। जिसमें सभी मामलों का फर्जी बीमा का कागज भी तैयार किया गया था जिसके आधार पर बैंक से कुल 8,64,71,948 रुपए का लोन पास कराया गया था। लिए गए लोन की राशि में से 5,25,26,830 रू भरने का बाकी है। बैंक के साथ इस तरह की जालसाजी का विश्वासघात गुनाहित कार्य किया गया है। जिस संबंध में 15-01-2021 को फरियाद दर्ज की गई है।
जिस गुनाह की जांच के दौरान बैंक के सेल्स मैनेजर जिनका नाम की केयुर मुकेशचंद्र डॉक्टर जिनका निवास स्थान बी/601 आलीशान एनक्लेव स्टार बाजार के सामने अडाजन सूरत तथा दूसरे कर्मचारी धवल हेमंत भाई लींबड़ जिन का निवास स्थान बी/103 श्रीनाथजी रेसीडेंसी पटेल पार्क छपराभाठा रोड, बरियाव सूरत में रहते हैं, इन दोनों कर्मचारियों की इस गुनाह में भूमिका शंकास्पद है। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी की गई इस चीटिंग कार्य का सबसे मुख्य आरोपी रजनी पिपलिया के साथ मिलकर केयूर डॉक्टर और धवल लींबड़ को सभी बोगस पेपर तैयार करके लोन पास कराने के लिए दिया गया था। दोनों सेल्स मैनेजर अलग अलग डी.एस.ए / लोन एजेंट अलग-अलग समय पर कमर्शियल लोन की फाइल लॉगिन किए। जिससे डी.एस.ए/लोन एजेंट के कोड नंबर का सिक्का और साइन दोनों सेल्स मैनेजर खुद से किया करते थे। डी.एस.ए/ लोन एजेंट एक भी लोन धारक से मिला नहीं, जिससे किसी को पहचानता नहीं लोन धारक का तमाम पहचान पत्र रजनी पिपलिया ने लिया था लोन एजेंट द्वारा पेपर इक_ा करके सत्यापित किया गया ऐसा दिखा कर डि.एस.ए. का सिक्का और सही करके जानकारी बाहर की गई। सेल्स मैनेजर द्वारा लोन की फाइल लॉगिन की गई है लोन पास होने के बाद उसी का कमीशन पे-आउट डी.एस.ए/ लोन एजेंट के बैंक अकाउंट में आने वाला, जिस से दोनों सेल्स मैनेजर ने रजनी पिपलिया और उनके साथियों को दोनों का देना हैं यह कह कर डी.एस.ए के पास केस /चेक /आरटीजीएस से रजनी पिपलिया के और कई अलग-अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवाया था।

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