
पटना (ईएमएस)। बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि दूसरी हरित क्रांति बिहार से होगी। उन्होंने कहा कि बिहार में सभी खेतों में अगले पांच सालों में पानी पहुंचा दिया जाएगा। मंत्री झा ने विधानसभा में कहा कि अगले पांच साल में हर खेत को पानी उपलब्ध होगा। विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अपने विभाग के 4,074.38 करोड़ रुपये की बजटीय मांग पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देकर झा ने कहा, राज्य में खेत तक उचित माध्यम से सिंचाई का पानी पहुंचे, इस लक्ष्य के लिए जिला संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, कृषि विभाग, पंचायती राज और उर्जा विभाग के पदाधिकारियों की संयुक्त तकनीकी सर्वेक्षण दलों द्वारा प्रत्येक गांवों में असिंचित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया जा रहा है।”
झा ने कहा कि राज्य स्तरीय संयुक्त तकनीकी सर्वेक्षण 18 जनवरी को शुरू हुआ, जिसे 100 दिनों के भीतर पूरा किया जाएगा। सर्वेक्षण अपनी मूल्यांकन क्षमता का आकलन करने के लिए किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक, पर्यटन और धार्मिक महत्व के चारों शहरों राजगीर, बोधगया, गया और नवादा में पाइप पेयजल उपलब्ध कराने की दृष्टि से गंगा वाटर लिफ्ट योजना के तहत 148.77 किलोमीटर पाइपलाइन लगाई जाएगी। इस पाइपलाइन में से 65.72 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है, जो परियोजना का लगभग 48 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि नदी जोड़ो परियोजना के तहत कोसी और मेची नदी को जोड़ने वाली परियोजना पर 4900 करोड़ रुपये की लागत से काम चल रहा है। उन्होंने इंटरलिंकिंग परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिए जाने पर जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार की उच्च स्तरीय संचालन समिति ने परियोजना को 24 नवंबर, 2020 को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में लेने की सिफारिश की है।
झा ने कहा कि यदि 4,900 करोड़ रुपये की कोसी-मेची नदी इंटरलिंकिंग परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना के रूप में घोषित किया जाता है,तब परियोजना का अधिकांश धन केंद्र द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि परियोजना से ना केवल उत्तर बिहार में बाढ़ को रोका जा सकेगा, बल्कि अररिया, पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार जिलों में 2 लाख हेक्टेयर से अधिक खेती योग्य भूमि को सिंचित किया जाएगा।”