जेनेवा । दुनियाभर के देशों को कोविड-19 टीकों की अहम आपूर्ति करने वाले भारत ने कहा है कि वह महामारी के कारण पैदा हुए ‘‘गंभीर’’ हालात का सामना कर रहे सीरिया के लोगों को टीकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र एवं उसकी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने को लेकर तत्पर है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि के नागराज नायडू ने सीरिया में मानवाधिकार हालात पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्चस्तरीय पैनल से कहा कि भारत इस समय में सीरिया के लोगों के साथ खड़ा है।
नायडू ने कहा, ‘‘10 साल तक चले सीरियाई संघर्ष के कारण सीरिया के लोगों को बहुत कुछ सहना पड़ा है। देश कोविड-19, सर्दी के मौसम और खाद्य असुरक्षा के कारण मुश्किल हालात का सामना कर रहा है, जिसके कारण 62 लाख विस्थापितों समेत एक करोड़ 70 लाख सीरियाई लोगों का भविष्य खतरे में पड़ गया है।’’ भारत ने द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय माध्यमों से एक करोड़ 20 लाख डॉलर की मानवीय सहायता दी है और पिछले साल जुलाई में वैश्विक महामारी से निपटने में सीरिया की मदद के लिए 10 मीट्रिक टन से अधिक चिकित्सकीय आपूर्ति की गई थी। इस महीने की शुरुआत में 2000 मीट्रिक टन भोजन की आपूर्ति की गई थी। नायडू ने कहा, ‘‘हम सीरिया के लोगों के लिए कोविड-19 टीकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र और उसकी एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने को लेकर तत्पर हैं। दुनियाभर को कोविड-19 टीकों की अहम आपूर्ति मुहैया कराने के कारण भारत की व्यापक स्तर पर प्रशंसा हो रही है। नायडू ने कहा कि स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच आयोग की ताजा रिपोर्ट और संघर्ष में शामिल पक्षों द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन के मामले बताते हैं कि प्रभावशाली देशों की संलिप्तता के कारण इस संघर्ष का अंतरराष्ट्रीयकरण हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हम संघर्ष के सभी पक्षों से अपील करते हैं कि वे राजनीतिक मार्ग पर मौजूदा गतिरोध को दूर करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति दिखाएं।’’ उन्होंने कहा कि बाह्य तत्वों की संलिप्तता के कारण सीरिया और क्षेत्र में आतंकवाद बढ़ा है।