सीएम गहलोत की आलाकमान को दो टूक, क्वारंटीन में हूं, दिल्ली नहीं आऊंगा

जयपुर । राजस्थान में सीएम गहलोत और सचिन पायलट के झगड़े के बीच कांग्रेस की गतिविधियां बुधवार को तेज रहीं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट गुट अपनी-अपनी रणनीति बनाते रहे। सीएम गहलोत ने नया दांव खेलते हुए पायलट खेमे के साथ खींचतान में खुद को पर्दे के पीछे रखकर कई तरह की चालें चलीं। वहीं दूसरी तरफ मंत्रियों की लगाम कसने के लिहाज से मंत्रिमंडल सचिवालय और प्रशासनिक सुधार विभाग से मंत्रिपरिषद के सदस्यों का रिपोर्ट कार्ड मांगा है।
गहलोत ने मंत्रियों में संभावित फेरबदल का संदेश दिया कि उन्हें सीएम गुट में ही रहना है। बुधवार को मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड मुख्यमंत्री के पास पहुंच गया। पायलट के साथ चल रही सियासी खींचतान के बीच सीएम ने चिकित्सकों की सलाह के नाम पर खुद को लंबे समय तक क्वारंटीन कर लिया है।इसके बादआलाकमान और पायलट खेमा पिछले कुछ दिनों से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दबाव बना रहे थे,उस देखकर गहलोत ने साफ संकेत दे दिया कि वे किसी दबाव में नहींआएंगे। आलाकमान के कहने पर भी वे दिल्ली जाने को तैयार नहीं हैं। लंबे क्वारंटीन का मतलब है कि गहलोत पायलट और आलाकमान को ज्यादा तूल नहीं देकर बेफिक्री दिखा रहे हैं। उन्होंने साफ संकेत दिया कि वे ना तो मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे और ना ही विवाद निपटाने के लिए व्यक्तिगत मुलाकात करुंगा। सूत्रों के अनुसार प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने सीएम से बात कर बीच का रास्ता निकालने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने साफ कर दिया कि पोस्ट कोविड की बीमारियों से बचने के लिए चिकित्सकों की सलाह पर वे फिलहाल वन टू वन मुलाकात नहीं कर सकते।
इसी बीच पायलट गुट के विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने गहलोत को कलयुग का भगवान बताकर कहा कि जिस तरह अपनी मन्नत पूरी करने को लेकर लोग मंदिर में जाते हैं। वैसे ही हम बार-बार गहलोत से मंत्रिमंडल विस्तार की मांग कर रहे हैं। वे मौजूदा समय में भगवान हो रहे हैं। दो दिन पहले सीएम की तारीफ करने वाले विधायक इंद्रराज गुर्जर ने फिर पाला बदला और एक बयान में कहा कि पायलट कांग्रेस की ब्राण्ड बन गए हैं।

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