मोतें कभी छुपती नहीं, धरती, गंगा मैया और शमशानो ने बताया सरकारी दावों का सच
Post Views: 33 भोपाल । खैर, खून (मौत) खांसी, खुशी, बेर, प्रीति, मद्यपान। रहमान दावे ना दवे जानत सकल जहान। रहीम का यह दोहा कोरोना वायरस की इस महामारी में लोगों की मौत का सच, सरकारों ने छिपाने का जो कृत्य किया है। मौतों से नाराज धरती मैया गंगा मैया और श्मशान (मुक्तिधाम) ने सरकार…